राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारीयो की हड़ताल आज 19 वे दिन जारी,नाटक के माध्यम से सरकार को कुंभकर्णी नींद से जगाने का किया प्रयाश

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारीयो की हड़ताल आज 19 वे दिन जारी,नाटक के माध्यम से सरकार को कुंभकर्णी नींद से जगाने का किया प्रयाश

छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम कर्मचारी संघ के बैनर तले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 16 हज़ार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी जो 18 अगस्त से 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं,इसी परिप्रेक्ष्य में आज हड़ताल के 19 वे दिन कुम्भकर्णी नींद से जगाने का प्रयाश किया गया

 

कर्मचारियो में भारी रोष

 

दुर्ग जिला के कर्मचारी अपने जिलाध्यक्ष के बर्खास्तगी से भयानक नाराजगी है,सामूहिक इस्तीफा देने से पहले सैकड़ो कर्मचारी रोड पर बैठ कर भारी नारेबाजी करते रहे,और शासन प्रशासन के खिलाफ भयानक नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा,की स्वास्थ्य विभाग संवेदनशील विभाग है,यहां दमन की नीति नही चलेगी,हमारे सेनापतियों पर की गई कार्यवाही हम सब पर की गई कार्यवाही है और हम बिल्कुल डरने वाले नही है,जो लोग कोरोना से नही डरे उनको,नोटिस से डराने का प्रयाश ना हो।

 

*मांगे जायज सरकार को जल्दी पूरी करनी चाहिए*

 

पिछले दिनों दुर्ग सांसद विजय बघेल ने कहा था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी विगत 20 सालों से काम कर रहे है,हमने घोषणा पत्र में भी इनकी मांगो को सम्मिलित किया था,और 100 दिन में नियमितीकरण के लिए कमेटी बनाने,संघ के सदस्य को सम्मिलित करने का वादा हमने किया था,राज्य स्तर की मांगे माननीय मुख्यमंत्री जी से और केंद्र स्तर की मांगे केंद्र से पूरी कराने मैं पूरा प्रयाश करूंगा और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी नड्डा जी से भी चर्चा करके जल्दी मांगो को पूरी हो ऐसा प्रयाश करूंगा इनको नियमित करने में ज्यादा आर्थिक बोझ भी नही आएगा क्योकि केंद्र 60% राशि देती है,और जिन राज्यो में नियमित किया गया है वहा केंद्र की राशि जारी है डबल ईंजन की सरकार का लाभ इन्हें मिले इसका प्रयाश होगा।

 

आंदोलन के स्वरूप के बारे में बताते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित कुमार मिरी ने बताया कि, विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी ने मोदी की गारंटी का नारा देते हुए अपना घोषणा पत्र बनाया जिसमें हम एनएचएम के कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का वादा किया गया है इस सरकार के कार्यकाल में 170 से अधिक ज्ञापन देने के पश्चात कोई सुनवाई न होने पर विवश होकर प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत 16 हज़ार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं।

 

* *मानव संसाधन राज्य का मामला,दो दशक बाद भी शोषण की पराकाष्ठा,आर पार की लड़ाई जारी रहेगी*

 

दुर्ग जिला अध्यक्ष डॉ आलोक शर्मा ने जानकारी दी कि शोषण की पराकाष्ठा हो चुकी है 20 साल का शोषण का समय छोटा मोटा समय नही,20 साल में से 15 साल भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार यहां थी,दूसरे राज्यो से यहां के कर्मचारियों की स्थिति अत्यंत दयनीय है,इसी के विरोध में हमने शासन के दमन के आगे ना झुकने का फैसला किया है,पिछले दिनों हमने केश दान किया था,संविदा कुप्रथा की शव यात्रा निकाली थी, नोटिस की प्रति फाड़ कर विरोध किया था,कल नाटक नुक्कड़ के माध्यम से सरकार तक मांग पूरी करवाने का आग्रह किया था,ज्ञात हो कि अपने 25 कर्मचारी नेताओ के बर्खास्तगी पर पिछले दिनों प्रदेश भर के कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा तक दे दिया था।

 

*5 मांगे मान ली गईं हैं ,यह शासन का दुष्प्रचार है*

 

हड़ताली कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री जी के इस बयान का भी खंडन किया है कि एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की 10 सूत्री मांगों में से पांच मांगे पूरी कर दी गई है, कर्मचारियों का कहना है कि यह पूरी तरह से सही नहीं है और भ्रामक बात है केवल दो ऐसी मांग है जिस पर सर्कुलर जारी हुआ है अन्य किसी भी मांग पर उचित निर्णय नहीं लिया गया तथा मांगों के स्वरूप को बदलने का प्रयास शासन- प्रशासन द्वारा किया जा रहा है , दो दशकों से शोषित ,पीड़ित, अल्प वेतन में काम कर रहे एन एच एम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपने नियमितीकरण ,स्थाईकरण पब्लिक हेल्थ कैडर, ग्रेड पे, अनुकंपा नियुक्ति जैसी जरूरी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं जिस पर वर्तमान सरकार के द्वारा बहुत निवेदन करने और ज्ञापन देने के पश्चात भी कोई सुनवाई नहीं की गई, उक्त मांगों को केंद्र सरकार के मत्थे मढ़ा जा रहा है जबकि तकनीकी रूप से प्रदेश में स्वास्थ्य और स्वास्थ्य के कर्मचारियों का पूरा विषय राज्य सरकार के निर्णय के अधीन होता है ।

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