खाद्य विभाग की मिली भगत से ,दुर्ग भिलाई में लंबे अर्से से चल रहा पीडीएस चावलों की तस्करी , भिलाई चरौदा पीडीएस चावल की तस्करी में नंबर वन?

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दुर्ग भिलाई चरौदा (जनमत)। एक लंबे अर्से से दुर्ग जिले में अवैध रूप से पीडीएस चावलों की तस्करी का बड़ा खेल चल रहा है जिसकी जानकारी खुद खाद्य विभाग को है लेकिन कार्यवाही के बजाय खाद्य विभाग में पदस्थ निरीक्षकों की संलिप्ता के चलते कार्यवाही नही होती है आपको बता दे की जिले भर की शासकीय राशन दुकानों में मोपेड ऑटो रिक्शा के माध्यम से चावल तस्करों के कोचिया पीडीएस चावलों की खरीदी कर बड़े छोटे राइस मिलों में बेचकर मुनाफा कमाने में लगे है । जिले में ऑरिग्नल ब्रांड के चावलों की फर्जी ब्रांड मार्केट में कम कीमतों में उपलब्ध है वही पीडीएस के चावल की खरीदी सस्ती होने के कारण राइस मिल के मालिक सीधा तस्करों व कोचियों की मदद से खरीद कर कई नामी गिरामी कंपनियों के फर्जी ब्रांड बेच रहे है । 

दुर्ग जिले के खुर्सीपार छावनी भिलाई 3 में कई बार पुलिस ने छापा तक मारा है जिसमे कई जगहों पर चावलों के अवैध भंडारण तक मिले लेकिन , खाद्य विभाग पीडीएस के चावलों को शासन के महती योजना के तहत दी जा रही चावल मानने को तैयार नहीं होती है । 

अगर भिलाई चरोदा खुर्सीपार छावनी आदि की बात की जाए तो कई छोटे बड़े कोचिया पीडीएस चावलों की तस्करी का कारोबार कर रहे है शासन के नियुक्त अधिकारियों को इनकी पूरी खबर है लेकिन कार्यवाही के नाम पर खाद्य विभाग खाना पूर्ति कर बंदर बाट करने में लगे हुए है।

चावलों की अवैध तस्करी खरीद फरोख़ में लम्बे समय से जमे अधिकारियों की मेहरबानी।

जिले के खाद्य विभाग में एक लंबे अर्से से अंगद की तरह पैर जमाए अधिकारियों और विभागीय कर्मचारियों की मिली भगत का सीधा असर है जिसका परिणाम ये है की शिकायत आवेदन देने के बाद कार्यवाही से पहले ही तस्करों और कोचियाओं को इसकी खबर मिल जाती है ।

भिलाई चरोदा,खुर्सीपार, छावनी ,सुपेला के कई बड़े चावल तस्करों के नाम अगले अंक में………………………………………………..।

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