human trafficking पर दुर्ग पुलिस की बड़ी कार्यवाही ।

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दुर्ग के रेंज सायबर थाना दुर्ग की टीम ने अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी और साइबर स्लेवरी के बड़े मामले का खुलासा किया है। भिलाई के एक युवक को कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी का झांसा देकर आरोपी लाओस में साइबर स्कैम करने की ट्रेनिंग देने लगे। इसके बाद वह किसी तरह वह वहां से निकलकर भिलाई पहुंचा और यहां आकर उसने अपने साथ हुई 2 लाख की ठगी का मामला दर्ज कराया।

इस शिकायत के बाद दुर्ग आईजी रामगोपाल गर्ग ने इस साइबर स्लेवरी के मामले में साइबर के रेंज थाना से एक टीम गठित की। जिसके बाद टीम ने मुंबई से तीन आऱोपियों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। इन आऱोपियों को पकड़ने में दुर्ग पुलिस की स्पशेल टीम पांच दिनों तक मुंबई में कैंप की थी, इसी बीच आरोपी भी लगातार लोकेशन बदल रहे थे, पर आखिरकंर वे दुर्ग पुलिस की गिरफ्तर में आ ही गए।

सीएसपी दुर्ग आईपीएस चिराग जैन ने बताया कि यह पूरा मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही मानव तस्करी और साइबर स्लेवरी से जुड़ा हुआ है। इसके तार लाओस के साथ साथ थाईलैंड और गल्फ देश से जुड़े हैं। उन्होंने बताया आरोपी साजन शेख, अपनी महिला साथी और रफी खान के साथ मिलकर मुंबई में वीएस इंटरप्राइजेस के नाम से कंपनी चला रहे थे। और वाट्सअप सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से विदेशों में नौकरी की वैकेंसी निकालते थे।

इसी बीच प्रार्थी भी उनके झांसे में आया। कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी के नाम पर उससे 2 लाख रुपए लेने के बाद लाओस भेजा और जब वह वहां गया तो उसे जो ट्रेनिंग दी गई वह साइबर फ्रॉड की थी। तब उसने काम का विरोध किया और आरोपियों को फोन कर वापस आने की जिद की। जिसके बाद आऱोपियों ने वहां एजेंट के माध्यम से उसे वापस भेजा। लेकिन उसके पैसे नहीं लौटाए।

तब प्रार्थी ने पुलिस को बताया कि उसके जैसे 10 से ज्यादा युवा वहां फंसे हैं और वहां की कंपनी के लोगों ने उनका पासपोर्ट भी रख लिया है, ताकि वे वापस न जा सकें। सीएसपी चिराग जैन ने बताया कि इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान और भी कई तथ्य सामने आएंगे। उन्होंने बताया कि वे इस पूरे मामले से एंबेंसी के अधिकारियों को भी अवगत कराएंगे ताकि मानव तस्करी का यह मामला रुक सके।

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