जिले के प्राइवेट मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में ,, चल रहा है स्वास्थ्य योजनाओं को पलीता लगाने कारोबार, दूर ग्रामीण “”मरीज़ ±दलाल और अस्पताल””?

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दुर्ग भिलाई (जनमत)। दुर्ग जिले में एक लंबे समय से स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर मरीजों की बीमारी का  कारोबार फल फूल रहा है जहां एक और आयुष्मान कार्ड से ईलाज के अलावा भी रुपए की लेनदेन सहित मरीजों को उनके बिल में घपले की खबर सूत्रों में है ।

जिस तरह से जिले में चलने वाले प्राइवेट मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल अपने हॉस्पिटल को हाईटेक बता कर मरीजों की भर्ती किसी रोजगार गारंटी योजना के तहत करते है उससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि, किस तरह से प्राइवेट हॉस्पिटल हो या नर्सिंग होम में मरीज सर्वसुविधा और कम खर्च में बीमारी से छुटकारा पाने भर्ती होते है । 

जिले के बाहर से लाए जाते है दलालों की मदद से मरीज ?

दुर्ग जिले में आपको जायदा तर दूर दराज के भोले भाले मजदूर वर्ग के ग्रामीण ही देखने को मिलेंगे जो बड़े बड़े मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में आयुष्मान से ईलाज के लिए आते है और जाते जाते 100000 तक का बिल बन जाता है । हॉस्पिटल प्रबंधन जिले से दूर अन्य जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में दलालों के माध्यम से कमीशन के खेल में गरीब भोले भाले ग्रामीण जो लंबे समय से किसी न किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है उन्हे मार्क कर शासन के योजन से ईलाज का लाभ देने के बहाने भर्ती कर देते है ।और मोटा कमीशन बनाने के बाद दलाल गायब हो जाते है फिर शुरू होता है हॉस्पिटल का बिल किसी ऑटो मीटर की तरह बढ़ता है जिसके बाद मरीज को या तो डिस्चार्ज करवा कर घर जमीन बचाना पड़ता है या बीमारी के मीटर के खेल में गंवाना पड़ जाता है ।

दुर्ग जिले में योजनाओं से अधिक रुपए लेने के लगभग 3 दर्जन आवेदन हर 6 माह में नामी गिरामी हॉस्पिटलों के खिलाफ सीएमएचओ, कलेक्टर मंत्रियों तक जमा होते है ,लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपापोती का खेल चलता है , गरीब मरीज लड़े या कमाए इस डर से दी हुई शिकायत को पूरी तरह भूल जाता है। 

और फिर से हॉस्पिटल प्रबंधन का मीटर और दलाल का मरीज लाना शुरू हो जाता है ।

सीएमएचओ व जिलाधीश के पास है दुर्ग के आरोग्यं , मित्तल और हाईटेक अस्पताल के कई शिकायत बावजूद इसके जांच अधिकारी मामले में लीपापोती कर अस्पताल के फेवर में ही जांच बना डालते है जिससे दोषियों को सजा नहीं मिलती है । 

आरोग्यं और मित्तल पर लग चुका है कई बार जुर्माना, लायसेंस नहीं होते निरस्त?

दुर्ग जिले के दो बड़े मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल आरोग्यं और मित्तल पर कई बार जुर्माना तक हुआ है जिसके जुर्माना राशि को देखने से साफ समझ आता है कि हॉस्पिटल ने कितनी लापरवाही मरीजों के साथ की है , बावजूद इसके कभी भी लायसेंस निरस्त नहीं होता है ।

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