नर्सिंग होम act की दुर्ग जिले के गंगोत्री हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा उड़ाई जा रही धजिया,,, मरीजों को आयुष्मान से ईलाज का झांसा देकर वसूली जा रही रकम?

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दुर्ग (जनमत)। दुर्ग जिले में संचालित गंगोत्री हॉस्पिटल के द्वारा एक लंबे अर्से से दलालों के माध्यम से मोटी कमीशन का खेल खेला जा रहा है जहा आयुष्मान कार्ड से ईलाज का झांसा देकर मरीजों को भर्ती करने के बाद आयुष्मान के अलावा पैसे लेने का कारोबार चल रहा है , जिसमे हॉस्पिटल प्रबंधन के द्वारा दूर दराज के मरीजों को बेहतर चिकित्सा का झांसा देने के लिए दलालों के माध्यम से भर्ती करते है । 

पाटन के कुम्हली गांव के रहने वाले कुलेश्वर साहू की पत्नी को जिला अस्पताल दुर्ग में भर्ती कराया गया । सीमा साहू की नॉर्मल डिलीवरी करवाया गया , बता दे की कुलेश्वर और सीमा साहू की शादी वर्ष 2019 में हुई थी शादी के 5 वर्ष तक बच्चा नहीं हुआ था 28 मार्च 2024 को जिला अस्पताल दुर्ग में नॉर्मल डिलीवरी से एक बच्चे को जन्म दिया । बच्चे की स्थिति खराब होने कारण उसे सरकारी एंबुलेंस से रायपुर ले जाया गया जहा इलाज के बाद बच्चा स्वस्थ हो गया लेकिन 31 मार्च को अचानक सीमा साहू की तबियत बिगड़ी जिसके बाद उसे भी रायपुर रेफर किया गया लेकिन सरकारी एंबुलेंस नही मिलने के चलते परिजन परेशान हो गए ।

इसी बीच उन्हें एक प्राइवेट एंबुलेंस चालक जो गंगोत्री हॉस्पिटल के लिए मरीजों की दलाली कर कमीशन पाने का काम करता है मिला और उसने  बताया कि दुर्ग में आर्य नगर में एक अच्छा प्राइवेट अस्पताल है जहा आयुष्मान कार्ड से निशुल्क ईलाज होता है वहा आपका पैसा नही लगेगा । 

जिसके बात मृतिका के पति ने उसे एडमिट कराया 31 मार्च को भर्ती होने बाद 10 अप्रैल को सीमा साहू की मृत्यु हो गई , वही हॉस्पिटल प्रबंधन ने मृतक सीमा के पति कुलेश्वर को ढाई लाख रुपए का बिल देकर बताया कि आयुष्मान से ईलाज नही हुआ । 

जबकि केंद्र सरकार की महती योजना के अनुरूप हर गरीब व्यक्ति के परिवार को निशुल्क 5 लाख तक का ईलाज की सुविधा दी गई है , वही हर आयुष्मान कार्ड से ईलाज होने वाले प्राइवेट अस्पताल में आयुष्मान कार्ड की एक शाखा भी मौजूद होती है , जो मरीजों के आयुष्मान कार्ड को जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मार्ग दर्शन में चलता है ।

वही आयुष्मान कार्ड से ईलाज की सुविधा का दिखावा कर हॉस्पिटल प्रबंधन दूर दराज के भोले भाले गरीब ग्रामीणों को झांसा देते है ।

गंगोत्री हॉस्पिटल के खिलाफ पूर्व में भी दर्जन भर से अधिक शिकायत सीएमएचओ ऑफिस के दफ्तर की फाइलों में धूल खा रही है कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपा पोती का खेल खेला जाता है । 

फिलहाल सीएमएचओ विभाग के द्वारा नोटिस जारी किया गया है मामले की जांच के आदेश दिए गए है । 

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