छत्तीसगढ़ के जन प्रतिनिधि यदि जनता की समस्यायों शिकायतों को जिम्मेदारी जवाबदेही से निराकरण करते तो जनता को माननीय न्यायालय के चक्कर ना काटने पड़ते: बृजेश्वरी प्रसाद मिश्र

0

बृजेश्वरी प्रसाद मिश्र राष्ट्रीय महासचिव अखिल भारतीय स्वराज्य दल की कलम से पूर्णतः जनसमस्या को संज्ञान में लेकर लिखा गया छत्तीसगढ़ के जन प्रतिनिधि यदि जनता की समस्यायों शिकायतों को जिम्मेदारी जवाबदेही से निराकरण करते तो जनता को माननीय न्यायालय के चक्कर ना काटने पड़ते।‌ छत्तीसगढ़ में अभी तक जन प्रतिनिधियों द्वारा जनता को न्याय दिलाने के लिए कोई भी जिम्मेदारी जवाबदेही नहीं तय की जाती थी परिणाम जनता को माननीय न्यायालय के शरण में जाना पड़ता है होता यह है कि जनता को न्याय यदि जनप्रतिनिधि नहीं दिला सकते तो जनता का विश्वास सरकार से उठ जाता है और जनता विरोध पर उतर आती है और इस समय सरकार में माननीय मंत्री महोदयों को जन समस्याओं को अपने स्तर से बड़ी जिम्मेदारी जवाबदेही से निराकरण करना चाहिए और निस्तारण में नौकरशाहों पर बिल्कुल विश्वास नहीं करना चाहिए मुझे कुछ घटनाएं अच्छी तरह से याद है एक संस्था द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी की शिकायत की गई कि जिला शिक्षा अधिकारी विद्यालय की गलत जानकारी शीर्ष अधिकारियों को देते हैं माननीय जन प्रतिनिधियों द्वारा केवल नौकरशाहों के बातों पर विश्वास किया जाता रहा अंततः मजबूर होकर संस्था को माननीय उच्च न्यायालय में मुकदमा दाखिल करना पड़ा यदि शिकायत पर जनप्रतिनिधियों द्वारा किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराया गया होता तो योजना को न्याय मिलता और भ्रष्ट अधिकारी को दण्ड मिलता तो आगे गलत कार्य करने के पहले विचार करते तो छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मण्डलम व्यक्तिगत रंजिश के कारण एक ही संस्था के अनेक विद्यालय को पुस्तकें सरकारी सुविधाओं से बंचित नहीं होना पड़ता। छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मण्डलम के लोग पन्द्रह साल से ज्यादा हों गये जो संस्कृत विद्या मण्डलम में लोग संविदा शिक्षक कर्मचारियों के रूप में अपना डेरा जमाएं बैठे हैं

Leave A Reply

Your email address will not be published.